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1. ट्रस्ट की दृश्टि:-

  • अभिवंचित एवं निर्बल वर्गो का सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान करना।

2. ट्रस्ट का लक्ष्य:-

  • असहाय एवं निर्धन व कमजोर निर्बल वर्गो का सम्पूर्ण विकास कराना।
  • आने वाले 6 महीनों में गरीब और जरूरतमंद लोगो को आखों के उपचार एवं दवा के कार्यो में सहयोग करना।
  • पिछले 5 वर्शों की तरह माता मुण्डेष्वरी के धाम में निःषुल्क 9 दिन भण्डारा कराना।
  • शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए शिक्षा के कार्यक्रमों का संचालन करना, शिक्षा के कार्यक्रमों के संचालन में सरकार की मदद करना, शिक्षा की विषेश व्यवस्था कराना।

3. ट्रस्ट का उद्देष्य:-

राश्ट्र कल्याण, समाज कल्याण, जन कल्याण, परोपकार सहयोग एवं सेवा।

  • ट्रस्ट का मुख्य उद्देष्य है कि भामाषाह के विचार को प्रचार, प्रसार करना, वर्गहीन समाज की स्थापना, रचनात्मक कार्यो द्वारा आत्मनिर्भरता आदि प्रदान कराना
  • बेसहारा और जरूरतमंदों के सादीयों में सहयोग राषि एवं सामाग्री प्रदान कराना।
  • ट्रस्ट का मुख्य उद्देष्य है कि आने वाले कुछ महीनों में ट्रस्ट में वृद्धा आश्रम खोलना और जरूरत लोगों का सेवा करना।
  • ट्रस्ट का उद्देष्य है कि आनेवाले समय में इस ट्रस्ट के माध्यम से ब्लड डोनेट किया जायेगा।
  • शिक्षित बेरोजगार दलित, महादलित एवं अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जाति, विलांग युवक एवं युवतियों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तकनीकि प्रषिक्षण के अन्तर्गत अमानत प्रषिक्षण, कम्प्यूटर, साॅफटवेयर, पेंटींग, मोटर ड्राईविंग का प्रषिक्षण देना।
  • यह संस्था समाज के महिलाओं, बच्चों, युवाओं, युवतीओं तथा गरीब लोगों के बौद्धिक एवं ज्ञान के विकास के लिए पुस्तकालय, वाचनालय, पठन-पाठन कक्ष, ।
  • यह संस्था समाज में व्याप्त अशिक्षा, अज्ञानता, अंधविष्वास, जातिवाद, साम्प्रदायिक विवाद, धर्मान्धता, आतंकवाद, षोशण, नषाखोरी, औशधि दुरूप्योग, हत्या बलात्कार, महिलाओं पर हो ।
  • बेसहारा, बेरोजगार एवं गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले अल्पसंख्यक एवं अन्य महिलाओं, पुरूशों तथा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई, कटाई, कढ़ाई उद्योग।
  • कोरोना जागरूकता, असाध्य रोग यथा एड्स, केंसर, कालाजार, कुश्ठ, हेपेटाइटिस बी, एच.आई.वी, संक्रमण, से बचने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का संचालन करना।
  • बाढ़, अकाल, महामारी, सुखाड़, आगजनी, रेल दुर्घटना, वायुयान दुर्घटना, युद्ध तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य का संचालन करना तथा पीड़ितों की तन-मन एवं धन से सेवा करना।
  • स्वास्थ्य की देखभाल के लिए ग्रामीण एवं षहरी क्षेत्रों में रहने वाले निम्न वर्ग के अल्पंख्यक एवं अन्य महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास कराना।
  • कला एवं संस्कृति के विकास के लिए नृत्य, संगीत, वाद्ययंत्र आदि के माध्यम से कला का प्रचार-प्रसार करना।
  • अल्पसंख्यक, दलित एवं महादलित महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी, बच्चों के विकास के लिए बालवाड़ी, पालना घर, स्वयं सहायता समूह का गठन एवं प्रषिक्षण के बारे में जानकारी देना।
  • पर्यावरण को प्रदूशण मुक्त बनाने के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम एवं प्रदूशण नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन करना, जल, वायु एवं ध्वनि प्रदूशण की रोकथाम करना तथा लोगों को गैर पारम्परिक ऊर्जा के बारे में जानकारी देना।
  • वृद्ध महिलाओं एवं पुरूशों के कल्याण के लिए वृद्धाश्रम का संचालन करना तथा वृद्ध लोगों के लिए षिक्षा, चिकित्सा, मनोरंजन के साधन, आश्रय स्थल, स्वरोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास करना।
  • स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का संचालन करना तथा लोगों को स्वच्छता के महत्व सूचना के अधिकार, लोक सेवाओं का अधिकार, शिक्षा का अधिकार के नियमों की जानकारी देना। हाउसिंग सोसाइटी का संचालन करना तथा ग्रामीण विकास कार्यक्रमों का संचालन कर लोगों को लाभन्वित कराने का प्रयास करना।

4. न्यासियों के वर्ग:-

  • संस्थापक न्यासी:- संस्थापक न्यासी, ट्रस्ट के आजीवन न्यासी रहेंगे। मृत्यु दिवालिया होने, पागल होने या न्यास के विरूद्ध कार्य करने पर ही उनकी सदस्यता समाप्त मानी जाएगी। यह ट्रस्ट के सभी न्यासियों को मान्य व स्वीकार होगा। संस्थापक न्यासी के स्थान रिक्त होने समय यदि पुरूश बच्चे नाबालिग हो तो उनके वयस्क होने तक पदमुक्त न्यासी के सभी अधिकार प्रबन्ध न्यासी के पास रहेंगे।
  • मनोनित न्यासी:- प्रबन्ध न्यासी ट्रस्ट की आवष्यकतानुसार 5 न्यासियों को मनोनीत कर सकेगा और उनका कार्यकाल 3 वर्श होगा। कार्यकाल पूर्ण होने पर अथवा अन्य कारणों से कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व मनोनित न्यासियों के रिक्त स्थान की पूर्ति प्रबन्ध न्यासी ट्रस्ट के हित में अपने विवेक के आधार पर कर सकेगा तथा अन्य संस्थापक न्यासीयों को इसमें कोई आपत्ति नही होगी।